भगवान शिव को क्यों छोड़ना पड़ा था बद्रीनाथ?


भगवान शिव को क्यों छोड़ना पड़ा था बद्रीनाथ?


आज हम इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि श्री बद्रीनाथ में साक्षात भगवान विष्णु निवास करते हैं और श्री केदारनाथ में भगवान शिव का वास है। किंतु एक अलौकिक सच कुछ और ही कहता है। इस कथा के अनुसार, कभी बद्रीनाथ धाम में भगवान शिव माता पार्वती के साथ रमण करते थे। उनकी पूरी कृपा बद्रीनाथ धाम पर बरसती थी किंतु एक विशेष घटना की वजह से उन्हें ये स्थल त्यागने को विवश होना पड़ा।

हमें भी इस तथ्य को जानकर हैरानी हुई किंतु अनेक स्रोतों से ऐसा जानकर इसे साझा करने की इच्छा को रोक नहीं सका। एक कथा के अनुसार, भगवान शिव अपने गणों और माता पार्वती सहित बद्रीनाथ में रहा करते थे। किंतु भगवान श्री हरि (विष्णु) को ये जगह बहुत रास आयी और उन्होंने इसे पाने के लिए भगवान शिव से छल करने की सोची।

उन्होंने एक सुंदर बालक का वेश धारण किया तथा बद्रीनाथ मंदिर के सामने पहुंच कर रोने लगे। माता पार्वती के वात्सल्य को कौन नहीं जानता। भगवान शिव ने जब उस बालक को देखा तो माता पार्वती से कहा ‘इस बालक से सतर्क रहा’। किंतु उसका रोना माता पार्वती सहन नहीं कर सकीं और उस बालक को अपनी गोद में उठा कर भीतर ले आयीं।

जब किसी कारणवश शिव तथा पार्वती को वहां से बाहर जाने की आवश्यकता महसूस हुई तो उन्होंने उसे वहीं खेलते हुए छोड़ा तथा बाहर निकले। उन दोनों के बाहर निकलने ही श्री विष्णु रूपी बालक ने कपाट (द्वार) बंद करते हुए कहा कि अब आप यहां से दूसरी जगह चले जाएं.............महादेव तो पहले ही श्री हरि की लीला को समझ चुके थे इसलिए उन्होंने मां पार्वती से कहा कि हमें केदारनाथ को अपना निवास बनाना होगा। तभी से केदारनाथ में भगवान शिव और बद्रीनाथ में श्री विष्णु निवास करते आ रहे हैं।